Baghpat News: बागपत में वैध खनन की आड़ में हो रहा रेत का काला कारोबार, आंखें मूंद कर बैठा प्रशासन
जिले में पुलिस प्रशासन की सहमति से गाजियाबाद में अवैध बालू खनन की आड़ में माफिया खेकड़ा के संकरोद खादर में अवैध बालू खनन में लिप्त है. रात के अंधेरे से भोर तक माफिया मशीन से रेत निकालने के लिए यमुना का सीना फाड़ देते हैं। अवैध खनन में कई अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। पुलिस प्रशासन के साथ-साथ यह भी माना जाता है कि खनन कार्यों का एक निश्चित प्रतिशत तय होता है। इस संबंध में कई बार अधिकारियों से शिकायत भी की जा चुकी है, लेकिन अधिकारी माफी मांगकर अपना काम खत्म कर देते हैं. क्योंकि इनके छापेमारी की खबर पहले से ही माफिया तक पहुंच रही है.
बता दें कि खेकरा कोतवाली क्षेत्र के संक्रोद गांव के ग्रामीणों ने सरकारी अनुमति से चलने वाली एक वैध खदान को भी रास्ता नहीं दिया है. इतना ही नहीं वह करीब तीन महीने से खादर में धरने पर भी बैठे हैं। प्रशासन के पास किसानों की सुध लेने का भी समय नहीं है। जब भी किसी रिश्ते में अधिकारियों की बात होती है, तो वे तेजी से कार्रवाई करने की ललक से छुटकारा पा लेते हैं।
कोतवाली पुलिस ने नहीं दिया ध्यान
खेकरा पाठशाला व डूंडाहेड़ा थाने में तैनात पुलिस अधिकारी उक्त वाहन को देखकर कुछ देर के लिए अपना रास्ता बदल रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि गेटिंग लगाने के खेल के बाद ही माफिया के वाहन अवैध खनन में धकेले जाते हैं। जबकि कोतवाली पुलिस का ध्यान इस ओर कभी नहीं जाता। इतना ही नहीं बागपत जिले के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस के पीछे अंधाधुंध काला सोना का धंधा चल रहा है.
बागपत प्रशासन अंधा है
माफिया ने जेसीबी और पोर्क लेन मशीनों को धूल से उड़ा दिया है। अवैध बालू खनन हो रहा है, लेकिन बागपत प्रशासन अंधा बैठा है, यह सब तब है जब जिले में धारा 144 लागू है और राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू है.